केवल नदी में गिरने मात्र से
किसी की जान नहीं जाती.......
बल्कि जान तभी जाती है
जब तैरना नहीं आता.......
उसी प्रकार परिस्थितियाँ कभी समस्या नहीं बनती.......
समस्या तभी बनती है
जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता..!!
मुसीबतों से निखरती है शख्सियत यारों...
जो चट्टानों से न उलझे...
वो झरना किस काम का...
किसी की जान नहीं जाती.......
बल्कि जान तभी जाती है
जब तैरना नहीं आता.......
उसी प्रकार परिस्थितियाँ कभी समस्या नहीं बनती.......
समस्या तभी बनती है
जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता..!!
मुसीबतों से निखरती है शख्सियत यारों...
जो चट्टानों से न उलझे...
वो झरना किस काम का...
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