एक बार एक आदमी सड़क पर सुबह सुबह दौड़ लगा रहा था, अचानक एक चौराहे पर जाकर जाकर वो रुक गया उस चौराहे पे चार सड़क थीं जो अलग रस्ते पे जाती थीं। एक बूढ़े व्यक्ति से उस आदमी ने पूछा - सर ये रास्ता कहाँ जाता है ? बूढ़े व्यक्ति ने पूछा- आपको कहाँ जाना है? आदमी - पता नहीं, बूढ़ा व्यक्ति - तो कोई भी रास्ता चुन लो क्या फर्क पड़ता है । वो आदमी उसकी बात को सुनकर निःशब्द सा रह गया, कितनी सच्चाई छिपी थी उस बूढ़े व्यक्ति की बातों में। सही ही तो कहा जब हमारी कोई मंजिल ही नहीं है तो जीवन भर भटकते ही रहना है।
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