Tuesday, February 16, 2016

एकता में बल है

एक बार अंगूर 🍇खरीदने के लिए एक फल बेचने वाले के पास रूका..

पूछा "क्या भाव है? अंगूर के गुच्छों🍇का ?

बोला : "80 रूपये किलो ।"

पास ही अलग से कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।

मैंने पूछा : "क्या भाव है इन का ?"

वो बोला : "30 रूपये किलो"

मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..?

वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!! लेकिन .....अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।"

मैं समझ गया कि अपने संगठन, समाज और परिवार से अलग होने पर हमारी कीमत..........आधे से भी कम रह जाती है।
🍇एकता में बल है

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