Monday, October 16, 2017

गहरी बात लिख दी है

👉बेजुबान पत्थर पे लदे है करोडो के गहने मंदिरो में।

उसी दहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथो को देखा है।।
😘😘😘
👉सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे।

बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है।।😘😘😘
👉लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मजार।

पर बाहर एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।।😘😘😘
👉वो दे आया एक लाख गुरद्वारे में हॉल के लिए।

घर में उसको 500 रूपये के लिए काम वाली बाई को बदलते देखा है।।😘😘😘

👉सुना है चढ़ा था सलीब पे कोई दुनिया का दर्द मिटाने को।
आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।।😩😩😩😩

👉जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारन।
आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है।।😘😘😩

👉जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी।
आज लगाते उसको भंडारे मरने के बाद देखा है।।😳😳😳

👉दे के समाज की दुहाई ब्याह दिया था जिस बेटी को जबरन बाप ने।
आज पीटते उसी शौहर के हाथो सरे राह देखा है।।

👉मारा गया वो पंडित बे मौत सड़क दुर्घटना में यारो।
जिसे खुद को काल, सर्प, तारे और हाथ की लकीरो का माहिर लिखते देखा है।।

👉जिसे घर की एकता की देता था जमाना कभी मिसाल दोस्तों।
आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है।।

👉कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर।
क्या मस्त तलवे चाटते हुए इंसान देखा है।
~~~~~~~~~~~~

No comments:

Post a Comment