मैं भले ही वो काम नहीं करता
जिससे खुदा मिले...
पर वो काम जरूर करता हूँ...
जिससे दुआ मिले.....
इंसानियत दिल में होती है,
हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है,
वसीयत नही..
जिससे खुदा मिले...
पर वो काम जरूर करता हूँ...
जिससे दुआ मिले.....
इंसानियत दिल में होती है,
हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है,
वसीयत नही..
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