*रोने* से तो *आंसू* भी पराये हो जाते हैं ,
लेकिन *मुस्कुराने* से ...
पराये भी अपने हो जाते हैं ।।
मुझे वो रिश्ते पसंद है ,
जिनमें *मैं* नहीं *हम* हो ,
*इंसानियत* दिल में होती है ,
*हैसियत* में नही ,
*उपरवाला कर्म* देखता है ,
*वसीयत* नही ..
लेकिन *मुस्कुराने* से ...
पराये भी अपने हो जाते हैं ।।
मुझे वो रिश्ते पसंद है ,
जिनमें *मैं* नहीं *हम* हो ,
*इंसानियत* दिल में होती है ,
*हैसियत* में नही ,
*उपरवाला कर्म* देखता है ,
*वसीयत* नही ..
No comments:
Post a Comment