वक़्त और जरुरत के हिसाब से
आदमी की सोच बदल जाती है।
जब चाय में मक्खी गिर जाती है, तो चाय फेंक देते है
और घी में गिर जाये तो मक्खी को फेंक देते है।
आदमी की सोच बदल जाती है।
जब चाय में मक्खी गिर जाती है, तो चाय फेंक देते है
और घी में गिर जाये तो मक्खी को फेंक देते है।
posted from Bloggeroid
No comments:
Post a Comment