✍सत्य को कहने के लिए किसी,
शपथ की जरूरत नहीं होती।
नदियों को बहने के लिए किसी,
पथ की जरूरत नहीं होती।
जो बढ़ते हैं जमाने में,
अपने मजबूत इरादों पर,
उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,
किसी रथ की जरूरत नहीं होती।
शपथ की जरूरत नहीं होती।
नदियों को बहने के लिए किसी,
पथ की जरूरत नहीं होती।
जो बढ़ते हैं जमाने में,
अपने मजबूत इरादों पर,
उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,
किसी रथ की जरूरत नहीं होती।
posted from Bloggeroid
No comments:
Post a Comment