पायल हज़ारो रूपये में आती है
~
पर पैरो में पहनी जाती है
और.....
बिंदी 1 रूपये में आती है
~
मगर माथे पर सजाई जाती है
~
इसलिए कीमत मायने नहीं रखती
~
उसका कृत्य मायने रखता हैं
~
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते,
~
और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते....
~
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
~
मिठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है।
~
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
~
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है...
~
अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता
~
पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है......
~
.इसीलिये दारू बेचने वाला कही नही जाता ,
~
पर दूध बेचने वाले को घर ,
गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है ।
~
और दूघ वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ?
~
पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला पीते है ।
~
वाह रे दुनियाँ और दुनियाँ की रीत ।
* ? "जो भाग्य में है , वह
भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
आकर भी भाग जाएगा...!"
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों, यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!
एक सत्य यह है की :-
"अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते हुए न आते.....!!
मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :-
"अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर न जाते....!!
वाह रे मानव तेरा स्वभाव....
.
.
।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..
बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
और दुनिया आगे चलती है,
मय्यत मे जनाजा आगे
और दुनिया पीछे चलती है..
यानि दुनिया खुशी मे आगे
और दुख मे पीछे हो जाती है..!
अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
?नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
?पानी आँखों का मरा, मरी शर्म और लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
?भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
?मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
?बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
?पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
?पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!
अच्छी लगे तो आगे शेयर कीजिए नहीं तो रहने दिजिये। धन्यवाद॥॥॥
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पर पैरो में पहनी जाती है
और.....
बिंदी 1 रूपये में आती है
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मगर माथे पर सजाई जाती है
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इसलिए कीमत मायने नहीं रखती
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उसका कृत्य मायने रखता हैं
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एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते,
~
और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते....
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नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
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मिठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है।
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इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
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और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है...
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अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता
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पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है......
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.इसीलिये दारू बेचने वाला कही नही जाता ,
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पर दूध बेचने वाले को घर ,
गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है ।
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और दूघ वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ?
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पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला पीते है ।
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वाह रे दुनियाँ और दुनियाँ की रीत ।
* ? "जो भाग्य में है , वह
भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
आकर भी भाग जाएगा...!"
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों, यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!
एक सत्य यह है की :-
"अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते हुए न आते.....!!
मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :-
"अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर न जाते....!!
वाह रे मानव तेरा स्वभाव....
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।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..
बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
और दुनिया आगे चलती है,
मय्यत मे जनाजा आगे
और दुनिया पीछे चलती है..
यानि दुनिया खुशी मे आगे
और दुख मे पीछे हो जाती है..!
अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
?नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
?पानी आँखों का मरा, मरी शर्म और लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
?भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
?मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
?बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
?पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
?पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!
अच्छी लगे तो आगे शेयर कीजिए नहीं तो रहने दिजिये। धन्यवाद॥॥॥
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