क्या खूब लिखा हॆ किसी ने,
*गाँव को गाँव्* ही रहने दो साहब ।
*क्यों* शहर बनाने में तुले हुवे हो...
*गांव* में रहोगे तो
*माता-पिता* के नाम से जाने जाओगे ,
*ओर*
*शहर* में रहोगे तो .....
*मकान नंबर* से पहचाने जाओगे ।।
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*गाँव को गाँव्* ही रहने दो साहब ।
*क्यों* शहर बनाने में तुले हुवे हो...
*गांव* में रहोगे तो
*माता-पिता* के नाम से जाने जाओगे ,
*ओर*
*शहर* में रहोगे तो .....
*मकान नंबर* से पहचाने जाओगे ।।
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