बार बार रफू करता रहता हूँ
जिन्दगी की जेब...
कम्बखत फिर भी निकल जाते हैं
खुशियों के कुछ लम्हें...
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही
ख़्वाहिशों का है.....
ना तो किसी को गम चाहिए और,
ना ही किसी को कम चाहिए....!!
जिन्दगी की जेब...
कम्बखत फिर भी निकल जाते हैं
खुशियों के कुछ लम्हें...
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही
ख़्वाहिशों का है.....
ना तो किसी को गम चाहिए और,
ना ही किसी को कम चाहिए....!!
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